Thursday, 30 November 2017

Lion

gandhi prani udyan gwalior madhya pradesh
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत:Animalia
संघ:Chordata
वर्ग:Mammalia
गण:Carnivora
कुल:Felidae
वंश:Panthera
जाति:P. leoसिंह (पेन्थेरा लियो) पेन्थेरा वंश की चार बड़ी बिल्लियों में से एक है और फेलिडे परिवार का सदस्य है। यह बाघ के बाद दूसरी सबसे बड़ी सजीव बिल्ली है, जिसके कुछ नरों का वजन २५० किलोग्राम से अधिक होता है। जंगली सिंह वर्तमान में उप सहारा अफ्रीका और एशिया में पाए जाते हैं। इसकी तेजी से विलुप्त होती बची खुची जनसंख्या उत्तर पश्चिमी भारत में पाई जाती है, ये ऐतिहासिक समय में उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्व और पश्चिमी एशियासे गायब हो गए थे।

White Tiger

gandhi prani udyan gwalior madhya Pradesh
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत:Animalia
संघ:Chordata
वर्ग:Mammalia
गण:Carnivora
कुल:Felidae
वंश:Panthera
जाति:P. tigris
सफ़ेद बाघ (व्हाइट टाइगर/white tiger) एक ऐसा बाघ है जिसका प्रतिसारी पित्रैक (रिसेसिव पित्रैक) इसे हल्का रंग प्रदान करता है। एक अन्य आनुवंशिक अभिलक्षण बाघ की धारियों को बहुत हल्का रंग प्रदान करता है; इस प्रकार के सफ़ेद बाघ को बर्फ-सा सफ़ेद या "शुद्ध सफे़द" कहते हैं। सफ़ेद बाघ विवर्ण नहीं होते हैं और इनकी कोई अलग उप-प्रजाति नहीं है और इनका संयोग नारंगी रंग के बाघों के साथ हो सकता है, हालांकि (लगभग) इस संयोग के परिणामस्वरूप जन्म ग्रहण करने वाले शावकों में से आधे शावक प्रतिसारी सफ़ेद पित्रैक की वजह से विषमयुग्मजी हो सकते हैं और इनके रोएं नारंगी रंग के हो सकते हैं। इसमें एकमात्र अपवाद तभी संभव है जब खुद नारंगी रंग वाले माता/पिता पहले से ही एक विषमयुग्मजी बाघ हो, जिससे प्रत्येक शावक को या तो दोहरा प्रतिसारी सफ़ेद या विषमयुग्मजी नारंगी रंग के होने का 50 प्रतिशत अवसर मिलेगा. अगर दो विषमयुग्मजी बाघों या विषमयुग्मजों का संयोग होता है तो उनसे जन्मे शावकों में से 25 प्रतिशत शावक सफ़ेद, 50 प्रतिशत विषमयुग्मजी नारंगी (सफ़ेद पित्रैक वाहक) और 25 प्रतिशत सफ़ेद पित्रैक विहीन समयुग्मजी नारंगी रंग के होंगे. 1970 के दशक में शशि और रवि नामक नारंगी रंग के विषमयुग्मजी बाघों की एक जोड़ी ने अलीपुर चिड़ियाघर में 13 शावकों को जन्म दिया जिसमें से 3 सफ़ेद रंग के थे।[4] अगर दो सफ़ेद बाघों का संयोग कराया जाता है तो उनके सभी शावक समयुग्मजी और सफ़ेद रंग के होंगे. सफ़ेद पित्रैक वाला एक समयुग्मजी बाघ कई विभिन्न पित्रैकों की वजह से विषमयुग्मजी या समयुग्मजी भी हो सकता है। एक बाघ विषमयुग्मजी (विषमयुग्मज) है या समयुग्मजी (समयुग्मज), यह इस बात पर निर्भर करता है कि किस पित्रैक पर चर्चा की जा रही है। अन्तःसंयोग समयुग्मता को बढ़ावा देता है जिसका इस्तेमाल सफ़ेद बाघ पैदा करने में किया जाता है।

Rabbit

वैज्ञानिक वर्गीकरणजगत:जंतु
संघ:रज्जुकी
वर्ग:स्तनपायी
गण:लॅगोमॉर्फ़ा
कुल:लॅपोरिडी

खरगोश, लेपोरिडी परिवार का एक छोटा स्तनपायी है, जो विश्व के अनेक स्थानों में पाया जाता है। विश्व में खरगोश की आठ प्रजातियाँ पायी जाती हैं। खरगोश जंगलों, i के मैदानों, मरुस्थलों तथा पानी वाले इलाकों में समूह में रहते हैं। अंगोरा ऊन खरगोश से प्राप्त होता है।

ख़रगोश अपने दिमाग़ में हर जगह का नक़्शा बनाता है और उसको कोई चीज़ इधर से उधर होना पसंद नहीं होता है।

1.खरगोश तथा खरहा में अन्तर=

खरगोश ज़मीन के नीचे बिलों में रहते हैं जबकि खरहे ज़मीन पर घास का घोंसला बनाते हैं। खरगोश के बच्चों की जन्म के समय आँखें नहीं खुली होती हैं तथा शरीर पर बाल नहीं होते हैं, जबकि खरहे के बच्चे जन्म से ही देख सकते हैं और उनके शरीर में प्रायः बाल भी होते हैं। खरहे प्राय़ः खरगोश से आकार में बड़े होते हैं, उनके कान भी बड़े होते हैं तथा उनके खाल में काले निशान होते हैं। खरहे अमूमन झुण्ड में रहना पसन्द नहीं करते हैं। खरहे को पालतू नहीं बनाया जा सका है जबकि खरगोश लोगों के घरों में पालतू जानवर के रूप में पाये जा सकते हैं।

2.विकास=

खरगोश को उत्परिवर्ती एलियंस से विकसित है +२,००,००,००० साल पहले, जब शनि ग्रह से लोगों को हमारे ग्रह पर आक्रमण किया है और कई स्तनधारियों की चोट लगी है। इस समय के दौरान, बच्चे प्रागैतिहासिक घोड़ों की मृत्यु हो गई और कुछ उत्परिवर्तित, विदेशी की तरह एक मूर्खतापूर्ण घोड़े (cerritulus Equus) बुलाया रूप बन गया है, तो अपने बच्चों को सभी के लिए खरगोश 3,500,000 के बारे में साल पहले शुरू किया गया।

ख़रगोश के बच्चें बहुत सारे और बहुत होशियार होते हैं।

Gwalior Fort







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